जब किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण से या (य्, र्, ल्, व्, ह) से या किसी स्वर से हो जाये तो क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् , और प् को ब् में बदल दिया जाता है।
उदाहरण :
क् का ग् में परिवर्तन
ट् का ड् में परिवर्तन :
त् का द् में परिवर्तन :
प् का ब् में परिवर्तन :
यदि किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म वर्ण ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् का ङ्, च् का ज्, ट् का ण्, त् का न्, तथा प् का म् में परिवर्तन हो जाता है।
उदाहरण :
क् का ङ् में परिवर्तन :
ट् का ण् में परिवर्तन :
त् का न् में परिवर्तन :
जब त् का मिलन ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व से और किसी स्वर से हो तो द् बन जाता है।
म के साथ-साथ क से म तक के किसी भी वर्ण के मिलन पर ‘ म ‘ की जगह पर मिलन वाले वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण बन जायेगा।
उदाहरण :
म् का (क ख ग घ ङ) के साथ मिलन :
म् का (च, छ, ज, झ, ञ) के साथ मिलन :
म् का (ट, ठ, ड, ढ, ण) के साथ मिलन :
म् का (त, थ, द, ध, न) के साथ मिलन :
म् का (प, फ, ब, भ, म) के साथ मिलन :
त् का (ग , घ , ध , द , ब , भ ,य , र , व्) :
यदि त् से परे च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।
यदि म् के साथ (य, र, ल, व, श, ष, स, ह) में से किसी भी वर्ण का मिलन होने पर ‘म्’ की जगह पर अनुस्वार ही लगता है।
उदाहरण :
जब त् का मिलने पर अगर श् से हो तो त् को च् और श् को छ् में बदल दिया जाता है। जब त् या द् के साथ च या छ का मिलन होता है तो त् या द् की जगह पर च् बन जाता है।
उदाहरण :
जब त् का मिलने पर ह् से हो तो त् को द् और ह् को ध् में बदल दिया जाता है। त् या द् के साथ ज या झ का मिलन होता है तब त् या द् की जगह पर ज् बन जाता है।
उदाहरण :
यदि स्वर के बाद अगर छ् वर्ण आ जाए तो छ् से पहले च् वर्ण बढ़ा दिया जाता है।
यदि त् या द् के साथ ट या ठ का मिलन होने पर त् या द् की जगह पर ट् बन जाता है।
जब त् या द् के साथ ‘ड’ या ढ की मिलन होने पर त् या द् की जगह पर‘ड्’बन जाता है।
उदाहरण :
यदि म् के बाद क् से लेकर म् तक कोई व्यंजन हो तो म् अनुस्वार में बदल जाता है।
जब त् या द् के साथ ल का मिलन होता है तब त् या द् की जगह पर ‘ल्’ बन जाता है।
उदाहरण :
यदि म के बाद य, र, ल, व, श, ष, स, ह में से कोई एक व्यंजन हो तो म् अनुस्वार में बदल जाता है।
उदाहरण :
जब ऋ, रू या थ्रू के बाद न तथा इनके बीच में चाहे स्वर, क वर्ग, प वर्ग , अनुश्वार , य व या ह आये तो न् का ण हो जाता है।
उदाहरण :
जब किसी शब्द का पहला वर्ण स हो तथा उसके पहले अ या आ के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर ष हो जाता है।
उदाहरण :
जब यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण न हो, तो उसका लोप हो जाता है।
उदाहरण :
यदि ष के बाद त या थ रहे तो त के बदले ट और थ के बदले ठ हो जाता है।
उदाहरण :