बहुव्रीहि समास :

जिस समास में सभी पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो और दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।

उदाहरण :

  • नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।
  • लम्बोदर = लम्बा उदर है जिनका अर्थात् गणेशजी।
  • गिरिधर = गिरि को धारण करने वाले अर्थात् श्रीकृष्ण
  • त्रिलोचन : तीन आँखों वाला अर्थात् शिवजी।